चौसठि दीवा जोइ करि, चौदह चंदा मांहि । तिहि घरि किसको चांदिनौं, जिहिं घरि सतगुर माहिं सतगुरु सांचा सूरिवां, सबद जु बाहा एक। लागत ही भुई मिलि गया, परा करैजे हेक ।।​