Answer :
ज़रूर, चलिए हम दिए हुए आंकड़ों को क्रमबद्ध तरीके से हल करते हैं और आवश्यक चार्ट बनाते हैं: आयत चित्र (बार चार्ट), आवृति बहुभुज (फ्रीक्वेंसी पॉलिगन) और संचयी आवृति वक्र (कम तोरण सभी एवं अधिक तोरण सभी)।
1. अंक और विद्यार्थियों का वितरण:
| अंक | 0-10 | 10-20 | 20-30 | 30-40 | 40-50 | 50-60 | 60-70 |
|-----------|------|-------|-------|-------|-------|-------|-------|
| विद्यार्थी | 5 | 10 | 20 | 30 | 12 | 8 | 5 |
2. संचयी आवृति:
संचयी आवृतियाँ निम्न प्रकार होंगी:
| अंक | संचयी आवृति |
|-----------|--------------|
| 0-10 | 5 |
| 10-20 | 15 (5+10) |
| 20-30 | 35 (15+20) |
| 30-40 | 65 (35+30) |
| 40-50 | 77 (65+12) |
| 50-60 | 85 (77+8) |
| 60-70 | 90 (85+5) |
3. आयत चित्र (बार चार्ट) बनाने के लिए:
बार चार्ट में प्रत्येक 'अंक रेंज' के छात्रों की संख्या एक बार के रूप में चित्रित की जाती है। प्रत्येक 'अंक रेंज' की ऊंचाई उस श्रेणी के विद्यार्थियों की संख्या के समान होगी।
4. आवृति बहुभुज (फ्रीक्वेंसी पॉलिगन) बनाने के लिए:
फ्रीक्वेंसी पॉलिगन बनाने के लिए, हर बिंदु पर సంబంధित आवृति के साथ 'अंक रेंज' के मध्य बिंदु (midpoint) की आवृत्ति को दर्शाया जाता है। हम निम्नलिखित बिंदुओं को जोड़ेंगे:
| अंक की श्रेणी | मध्य बिंदु | विद्यार्थी |
|---------------|-------------|------------|
| 0-10 | 5 | 5 |
| 10-20 | 15 | 10 |
| 20-30 | 25 | 20 |
| 30-40 | 35 | 30 |
| 40-50 | 45 | 12 |
| 50-60 | 55 | 8 |
| 60-70 | 65 | 5 |
5. संचयी आवृति वक्र (से कम तोरण एवं से अधिक तोरण) बनाने के लिए:
- से कम तोरण (Less than cumulative frequency):
| अंक | संचयी आवृति |
|-----------|--------------|
| 10 | 5 |
| 20 | 15 |
| 30 | 35 |
| 40 | 65 |
| 50 | 77 |
| 60 | 85 |
| 70 | 90 |
- से अधिक तोरण (More than cumulative frequency):
| अंक | संचयी आवृति |
|-----------|--------------|
| 0 | 90 |
| 10 | 85 |
| 20 | 75 |
| 30 | 55 |
| 40 | 25 |
| 50 | 13 |
| 60 | 5 |
फलन चित्रण:
- आयत चित्र (बार चार्ट):
- एक्स-एक्सिस पर अंक रेंज को और वाई-एक्सिस पर छात्रों की संख्या को दर्शाइए।
- आवृति बहुभुज (फ्रीक्वेंसी पॉलिगन):
- एक्स-एक्सिस पर अंक रेंज के मध्य बिन्दुओं को और वाई-एक्सिस पर विद्यार्थियों की संख्या को जोड़ी हुई नतमालाएँ बनीनी जाएगी।
- संचयी आवृति वक्र (क्यूम्युलेटिव फ्रीक्वेंसी कर्व):
- 'से कम तोरण' वक्र और 'से अधिक तोरण' वक्र के लिए एक्स-एक्सिस पर अंक रेंज की सीमा और वाई-एक्सिस पर संचयी आवृति को दर्शाएं।
निष्कर्ष:
आपको इन चार्ट का निर्माण करके संबंधित बिन्दु दिखाने होंगे। यह प्रक्रिया आपको दी गई सूचनाओं को भिन्न-भिन्न रूपों में प्रस्तुत करने में मदद करेगी, जिससे डेटा की बेहतर समझ हो सके।
1. अंक और विद्यार्थियों का वितरण:
| अंक | 0-10 | 10-20 | 20-30 | 30-40 | 40-50 | 50-60 | 60-70 |
|-----------|------|-------|-------|-------|-------|-------|-------|
| विद्यार्थी | 5 | 10 | 20 | 30 | 12 | 8 | 5 |
2. संचयी आवृति:
संचयी आवृतियाँ निम्न प्रकार होंगी:
| अंक | संचयी आवृति |
|-----------|--------------|
| 0-10 | 5 |
| 10-20 | 15 (5+10) |
| 20-30 | 35 (15+20) |
| 30-40 | 65 (35+30) |
| 40-50 | 77 (65+12) |
| 50-60 | 85 (77+8) |
| 60-70 | 90 (85+5) |
3. आयत चित्र (बार चार्ट) बनाने के लिए:
बार चार्ट में प्रत्येक 'अंक रेंज' के छात्रों की संख्या एक बार के रूप में चित्रित की जाती है। प्रत्येक 'अंक रेंज' की ऊंचाई उस श्रेणी के विद्यार्थियों की संख्या के समान होगी।
4. आवृति बहुभुज (फ्रीक्वेंसी पॉलिगन) बनाने के लिए:
फ्रीक्वेंसी पॉलिगन बनाने के लिए, हर बिंदु पर సంబంధित आवृति के साथ 'अंक रेंज' के मध्य बिंदु (midpoint) की आवृत्ति को दर्शाया जाता है। हम निम्नलिखित बिंदुओं को जोड़ेंगे:
| अंक की श्रेणी | मध्य बिंदु | विद्यार्थी |
|---------------|-------------|------------|
| 0-10 | 5 | 5 |
| 10-20 | 15 | 10 |
| 20-30 | 25 | 20 |
| 30-40 | 35 | 30 |
| 40-50 | 45 | 12 |
| 50-60 | 55 | 8 |
| 60-70 | 65 | 5 |
5. संचयी आवृति वक्र (से कम तोरण एवं से अधिक तोरण) बनाने के लिए:
- से कम तोरण (Less than cumulative frequency):
| अंक | संचयी आवृति |
|-----------|--------------|
| 10 | 5 |
| 20 | 15 |
| 30 | 35 |
| 40 | 65 |
| 50 | 77 |
| 60 | 85 |
| 70 | 90 |
- से अधिक तोरण (More than cumulative frequency):
| अंक | संचयी आवृति |
|-----------|--------------|
| 0 | 90 |
| 10 | 85 |
| 20 | 75 |
| 30 | 55 |
| 40 | 25 |
| 50 | 13 |
| 60 | 5 |
फलन चित्रण:
- आयत चित्र (बार चार्ट):
- एक्स-एक्सिस पर अंक रेंज को और वाई-एक्सिस पर छात्रों की संख्या को दर्शाइए।
- आवृति बहुभुज (फ्रीक्वेंसी पॉलिगन):
- एक्स-एक्सिस पर अंक रेंज के मध्य बिन्दुओं को और वाई-एक्सिस पर विद्यार्थियों की संख्या को जोड़ी हुई नतमालाएँ बनीनी जाएगी।
- संचयी आवृति वक्र (क्यूम्युलेटिव फ्रीक्वेंसी कर्व):
- 'से कम तोरण' वक्र और 'से अधिक तोरण' वक्र के लिए एक्स-एक्सिस पर अंक रेंज की सीमा और वाई-एक्सिस पर संचयी आवृति को दर्शाएं।
निष्कर्ष:
आपको इन चार्ट का निर्माण करके संबंधित बिन्दु दिखाने होंगे। यह प्रक्रिया आपको दी गई सूचनाओं को भिन्न-भिन्न रूपों में प्रस्तुत करने में मदद करेगी, जिससे डेटा की बेहतर समझ हो सके।